बोधिचर्यावतारः — 3.33
Original
Segmented
जगत् अद्य निमन्त्रितम् मया सुगत-त्वेन सुखेन च अन्तरा पुरतः खलु सर्व-तायिन् अभिनन्दन्तु सुर-असुर-आदयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| निमन्त्रितम् | निमन्त्रय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| सुगत | सुगत | pos=n,comp=y |
| त्वेन | त्व | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सुखेन | सुख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्तरा | अन्तरा | pos=i |
| पुरतः | पुरतस् | pos=i |
| खलु | खलु | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| तायिन् | तायिन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अभिनन्दन्तु | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
| सुर | सुर | pos=n,comp=y |
| असुर | असुर | pos=n,comp=y |
| आदयः | आदि | pos=n,g=m,c=1,n=p |