बोधिचर्यावतारः — 5.103
Original
Segmented
श्री-सम्भव-विमोक्षात् च शिक्षेत् यत् गुरु-वर्तनम् एतच् च अन्यत् च बुद्ध-उक्तम् ज्ञेयम् सूत्रान्त-वाचनात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्री | श्री | pos=n,comp=y |
| सम्भव | सम्भव | pos=n,comp=y |
| विमोक्षात् | विमोक्ष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| शिक्षेत् | शिक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| वर्तनम् | वर्तन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एतच् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| बुद्ध | बुद्ध | pos=n,comp=y |
| उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| ज्ञेयम् | ज्ञा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| सूत्रान्त | सूत्रान्त | pos=n,comp=y |
| वाचनात् | वाचन | pos=n,g=n,c=5,n=s |