बोधिचर्यावतारः — 6.11
Original
Segmented
दुःखम् न्यक्कार-पारुष्यम् अयशस् च इति अनीप्सितम् प्रियाणाम् आत्मनः वा अपि शत्रोः च एतद्-विपर्ययात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न्यक्कार | न्यक्कार | pos=n,comp=y |
| पारुष्यम् | पारुष्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अयशस् | अयशस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| अनीप्सितम् | अनीप्सित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्रियाणाम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| शत्रोः | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| एतद् | एतद् | pos=n,comp=y |
| विपर्ययात् | विपर्यय | pos=n,g=m,c=5,n=s |