बोधिचर्यावतारः — 6.121
Original
Segmented
स्वयम् मम स्वामिन एव तावत् तद्-अर्थम् आत्मनि अपि निर्व्यपेक्षाः अहम् कथम् स्वामिषु तेषु तेषु करोमि मानम् न तु दास-भावम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| स्वामिन | स्वामिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आत्मनि | आत्मन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| निर्व्यपेक्षाः | निर्व्यपेक्ष | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| स्वामिषु | स्वामिन् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| करोमि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| मानम् | मान | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| दास | दास | pos=n,comp=y |
| भावम् | भाव | pos=n,g=m,c=2,n=s |