बोधिचर्यावतारः — 6.6
Original
Segmented
एवमादीनि दुःखानि करोति इति अरि-संज्ञया यः क्रोधम् हन्ति निर्बन्धात् स सुखी इह परत्र च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवमादीनि | एवमादि | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| दुःखानि | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| अरि | अरि | pos=n,comp=y |
| संज्ञया | संज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्रोधम् | क्रोध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हन्ति | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| निर्बन्धात् | निर्बन्ध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| परत्र | परत्र | pos=i |
| च | च | pos=i |