बोधिचर्यावतारः — 7.26
Original
Segmented
यदा शाकेषु इव प्रज्ञा स्व-मांसे अपि उपजायते मांस-अस्थि त्यज् तस्य तदा किम् नाम दुष्करम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| शाकेषु | शाक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| मांसे | मांस | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| उपजायते | उपजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मांस | मांस | pos=n,comp=y |
| अस्थि | अस्थि | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्यज् | त्यज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नाम | नाम | pos=i |
| दुष्करम् | दुष्कर | pos=n,g=n,c=1,n=s |