बोधिचर्यावतारः — 8.56
Original
Segmented
न अमेध्य-मयम् अन्यस्य कायम् वेत्सि इति अनद्भुतम् स्व-अमेध्य-मयम् एव त्वम् तम् न अवैषि इति विस्मयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| अमेध्य | अमेध्य | pos=n,comp=y |
| मयम् | मय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अन्यस्य | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कायम् | काय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वेत्सि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| अनद्भुतम् | अनद्भुत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| अमेध्य | अमेध्य | pos=n,comp=y |
| मयम् | मय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अवैषि | अवे | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| विस्मयः | विस्मय | pos=n,g=m,c=1,n=s |