बोधिचर्यावतारः — 8.7
Original
Segmented
न पश्यति यथाभूतम् संवेगात् अवहीयते दह्यते तेन शोकेन प्रिय-संगम-काङ्क्षया
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यथाभूतम् | यथाभूतम् | pos=i |
| संवेगात् | संवेग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अवहीयते | अवहा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| दह्यते | दह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| शोकेन | शोक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| संगम | संगम | pos=n,comp=y |
| काङ्क्षया | काङ्क्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |