किरातार्जुनीयम् — 10.21
Original
Segmented
प्रतिदिशम् अभिगम् अभिमृष्टः ककुभ-विकास-सुगन्धि अनिलेन नव इव विबभौ स चित्तजन्मा गत-धृतिः आकुलितः च जीव-लोकः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रतिदिशम् | प्रतिदिशम् | pos=i |
| अभिगम् | अभिगम् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| अभिमृष्टः | अभिमृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ककुभ | ककुभ | pos=n,comp=y |
| विकास | विकास | pos=n,comp=y |
| सुगन्धि | सुगन्धि | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| अनिलेन | अनिल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| नव | नव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| विबभौ | विभा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| स | स | pos=i |
| चित्तजन्मा | चित्तजन्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गत | गम् | pos=va,comp=y,f=part |
| धृतिः | धृति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| आकुलितः | आकुलित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| जीव | जीव | pos=n,comp=y |
| लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |