किरातार्जुनीयम् — 10.63
Original
Segmented
स्वयम् संराध्य एवम् शतमखम् अखण्डेन तपसा पर-उच्छित्त्या लभ्याम् अभिलषति लक्ष्मीम् हरिसुते मनोभिः स उद्वेगैः प्रणय-विहित-ध्वस्त-रुच्यः सगन्धर्मा त्रिदश-वनिताः त्रिदशवनिताः स्वम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| संराध्य | संराधय् | pos=vi |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| शतमखम् | शतमख | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अखण्डेन | अखण्ड | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| पर | पर | pos=n,comp=y |
| उच्छित्त्या | उच्छित्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| लभ्याम् | लभ् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=krtya |
| अभिलषति | अभिलष् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| लक्ष्मीम् | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| हरिसुते | हरिसुत | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| मनोभिः | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| स | स | pos=i |
| उद्वेगैः | उद्वेग | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| प्रणय | प्रणय | pos=n,comp=y |
| विहित | विधा | pos=va,comp=y,f=part |
| ध्वस्त | ध्वंस् | pos=va,comp=y,f=part |
| रुच्यः | रुचि | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| सगन्धर्मा | धामन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
| वनिताः | वनिता | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| त्रिदशवनिताः | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| स्वम् | प्रतिया | pos=v,p=3,n=p,l=lit |