किरातार्जुनीयम् — 12.8
Original
Segmented
जपतः सदा जपम् उपांशु वदनम् अभितो विसारिभिः तस्य दशन-किरणैः शुशुभे परिवेष-भीषणम् इव अर्क-मण्डलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जपतः | जप् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| सदा | सदा | pos=i |
| जपम् | जप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपांशु | उपांशु | pos=i |
| वदनम् | वदन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अभितो | अभितस् | pos=i |
| विसारिभिः | विसारिन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दशन | दशन | pos=n,comp=y |
| किरणैः | किरण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| शुशुभे | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| परिवेष | परिवेष | pos=n,comp=y |
| भीषणम् | भीषण | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अर्क | अर्क | pos=n,comp=y |
| मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=n,c=1,n=s |