किरातार्जुनीयम् — 14.32
Original
Segmented
सुगेषु दुर्गेषु च तुल्य-विक्रमैः जवाद् अहंपूर्विकया यियासुभिः गणैः अविच्छेद-निरुद्धम् आबभौ वनम् निरुच्छ्वासम् इव अ कुल-आकुलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सुगेषु | सुग | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| दुर्गेषु | दुर्ग | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| तुल्य | तुल्य | pos=a,comp=y |
| विक्रमैः | विक्रम | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| जवाद् | जव | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अहंपूर्विकया | अहंपूर्वक | pos=a,g=f,c=3,n=s |
| यियासुभिः | यियासु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| गणैः | गण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अविच्छेद | अविच्छेद | pos=n,comp=y |
| निरुद्धम् | निरुध् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| आबभौ | आभा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वनम् | वन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| निरुच्छ्वासम् | निरुच्छ्वास | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अ | अ | pos=i |
| कुल | कुल | pos=n,comp=y |
| आकुलम् | आकुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |