किरातार्जुनीयम् — 15.28
Original
Segmented
आसुरे लोक-वित्रास-विधायिनि महा-आहवे युष्माभिः उन्नतिम् नीतम् निरस्तम् इह पौरुषम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आसुरे | आसुर | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| वित्रास | वित्रास | pos=n,comp=y |
| विधायिनि | विधायिन् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| आहवे | आहव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| युष्माभिः | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=p |
| उन्नतिम् | उन्नति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| नीतम् | नी | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| निरस्तम् | निरस् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| इह | इह | pos=i |
| पौरुषम् | पौरुष | pos=n,g=n,c=1,n=s |