किरातार्जुनीयम् — 16.28
Original
Segmented
गुरु-स्थिरा उत्तम-वंश-ज-त्वात् विज्ञात-सारानि अनुशीलनेन केचित् समाश्रित्य गुणान् सुहृद्-कुलानि इव सुहृत्कुलानीव धनूंषि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गुरु | गुरु | pos=a,comp=y |
| स्थिरा | स्थिर | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
| वंश | वंश | pos=n,comp=y |
| ज | ज | pos=a,comp=y |
| त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| विज्ञात | विज्ञा | pos=va,comp=y,f=part |
| सारानि | सार | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अनुशीलनेन | अनुशीलन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| केचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| समाश्रित्य | समाश्रि | pos=vi |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
| कुलानि | कुल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| सुहृत्कुलानीव | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| धनूंषि | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lit |