किरातार्जुनीयम् — 2.27
Original
Segmented
स्फुट-ता न पदैः अपाकृता न च न स्वीकृतम् अर्थ-गौरवम् रचिता पृथक् अर्थ-ता गिराम् न च सामर्थ्यम् अपोहितम् क्वचित्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्फुट | स्फुट | pos=a,comp=y |
| ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| पदैः | पद | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अपाकृता | अपाकृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| न | न | pos=i |
| स्वीकृतम् | स्वीकृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| गौरवम् | गौरव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| रचिता | रचय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| पृथक् | पृथक् | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गिराम् | गिर् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| सामर्थ्यम् | सामर्थ्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अपोहितम् | अपोह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |