किरातार्जुनीयम् — 3.1
Original
Segmented
ततः शरद्-चन्द्र-कर-अभिरामैः उत्सर्पिभिः प्रांशुम् इव अंशु-जालैः बिभ्राणम् आनील-रुचम् पिशङ्गीः जटास् तडित्वन्तम् इव अम्बुवाहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततः | ततस् | pos=i |
| शरद् | शरद् | pos=n,comp=y |
| चन्द्र | चन्द्र | pos=n,comp=y |
| कर | कर | pos=n,comp=y |
| अभिरामैः | अभिराम | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| उत्सर्पिभिः | उत्सर्पिन् | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| प्रांशुम् | प्रांशु | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अंशु | अंशु | pos=n,comp=y |
| जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| बिभ्राणम् | भृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| आनील | आनील | pos=a,comp=y |
| रुचम् | रुच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पिशङ्गीः | पिशङ्ग | pos=a,g=f,c=2,n=p |
| जटास् | जटा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| तडित्वन्तम् | तडित्वत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अम्बुवाहम् | अम्बुवाह | pos=n,g=m,c=2,n=s |