किरातार्जुनीयम् — 3.17
Original
Segmented
लभ्या धरित्री तव विक्रमेण ज्यायांश् च वीर्य-अस्त्र-बलैः विपक्षः अतः प्रकर्षाय विधिः विधेयः प्रकर्ष-तन्त्रा हि रणे जय-श्रीः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| लभ्या | लभ् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| धरित्री | धरित्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विक्रमेण | विक्रम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| ज्यायांश् | ज्यायस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| वीर्य | वीर्य | pos=n,comp=y |
| अस्त्र | अस्त्र | pos=n,comp=y |
| बलैः | बल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| विपक्षः | विपक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अतः | अतस् | pos=i |
| प्रकर्षाय | प्रकर्ष | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| विधिः | विधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विधेयः | विधा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| प्रकर्ष | प्रकर्ष | pos=n,comp=y |
| तन्त्रा | तन्त्र | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| जय | जय | pos=n,comp=y |
| श्रीः | श्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |