किरातार्जुनीयम् — 3.5
Original
Segmented
अन् आप्त-पुण्य-उपचरैः दुरापा फलस्य निर्धुत-रजस् सवित्री तुल्या भवत्-दर्शन-सम्पद् एषा वृष्टेः दिवो वीत-बलाहकायाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अन् | अन् | pos=i |
| आप्त | आप्त | pos=a,comp=y |
| पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
| उपचरैः | उपचर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| दुरापा | दुराप | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| फलस्य | फल | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| निर्धुत | निर्धू | pos=va,comp=y,f=part |
| रजस् | रजस् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सवित्री | सवित्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तुल्या | तुल्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| भवत् | भवत् | pos=a,comp=y |
| दर्शन | दर्शन | pos=n,comp=y |
| सम्पद् | सम्पद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वृष्टेः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| दिवो | दिव् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
| बलाहकायाः | बलाहक | pos=n,g=f,c=6,n=s |