किरातार्जुनीयम् — 3.55
Original
Segmented
उदीरिताम् ताम् इति याज्ञसेन्या नवीकृ-उद्ग्राहय्-विप्रकाराम् आसाद्य वाचम् स भृशम् दिदीपे काष्ठाम् उदीचीम् इव तिग्मरश्मिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उदीरिताम् | उदीरय् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| याज्ञसेन्या | याज्ञसेनी | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| नवीकृ | नवीकृ | pos=va,comp=y,f=part |
| उद्ग्राहय् | उद्ग्राहय् | pos=va,comp=y,f=part |
| विप्रकाराम् | विप्रकार | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| वाचम् | वाच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| दिदीपे | दीप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| काष्ठाम् | काष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| उदीचीम् | उदञ्च् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| तिग्मरश्मिः | तिग्मरश्मि | pos=n,g=m,c=1,n=s |