किरातार्जुनीयम् — 6.22
Original
Segmented
मनसा जपैः प्रणतिभिः प्रयतः समुपेयिवान् अधिपतिम् स दिवः सहज-इतरे जय-शमौ दधती बिभरांबभूव युगपन् महसी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| जपैः | जप | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| प्रणतिभिः | प्रणति | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| प्रयतः | प्रयम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| समुपेयिवान् | समुपे | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| अधिपतिम् | अधिपति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दिवः | दिव् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सहज | सहज | pos=a,comp=y |
| इतरे | इतर | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| जय | जय | pos=n,comp=y |
| शमौ | शम | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| दधती | धा | pos=va,g=n,c=2,n=d,f=part |
| बिभरांबभूव | भृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| युगपन् | युगपद् | pos=i |
| महसी | महस् | pos=n,g=n,c=2,n=d |