किरातार्जुनीयम् — 8.30
Original
Segmented
विभिद्-पर्यन्त-ग-मीन-पङ्क्तयः पुरो विगाढाः सखिभिः मरुत्वतः कथंचिद् आपः सुर-सुन्दरी-जनैः स भीति तत् प्रथमम् प्रपेदिरे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विभिद् | विभिद् | pos=va,comp=y,f=part |
| पर्यन्त | पर्यन्त | pos=n,comp=y |
| ग | ग | pos=a,comp=y |
| मीन | मीन | pos=n,comp=y |
| पङ्क्तयः | पङ्क्ति | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| पुरो | पुरस् | pos=i |
| विगाढाः | विगाह् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| सखिभिः | सखी | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| मरुत्वतः | मरुत्वन्त् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कथंचिद् | कथंचिद् | pos=i |
| आपः | अप् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| सुर | सुर | pos=n,comp=y |
| सुन्दरी | सुन्दरी | pos=n,comp=y |
| जनैः | जन | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| स | स | pos=i |
| भीति | भीति | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रथमम् | प्रथमम् | pos=i |
| प्रपेदिरे | प्रपद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |