किरातार्जुनीयम् — 9.37
Original
Segmented
कान्त-वेश्म बहु संदिशतीभिः यातम् एव रतये रमणीभिः मन्मथेन परिलुप्-मतीनाम् प्रायशः स्खलितम् अप्य् उपकारि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कान्त | कान्त | pos=a,comp=y |
| वेश्म | वेश्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| संदिशतीभिः | संदिश् | pos=va,g=f,c=3,n=p,f=part |
| यातम् | या | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| रतये | रति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
| रमणीभिः | रमणी | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| मन्मथेन | मन्मथ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| परिलुप् | परिलुप् | pos=va,comp=y,f=part |
| मतीनाम् | मति | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| प्रायशः | प्रायशस् | pos=i |
| स्खलितम् | स्खलित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अप्य् | अपि | pos=i |
| उपकारि | उपकारिन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |