किरातार्जुनीयम् — 9.53
Original
Segmented
कुप् आशु भवता आनत-चित्ताः कोपितांश् च वरिवस्यत इत्य् अनेक उपदेश इव स्म स्वाद्यते युवतिभिः मधुवारः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कुप् | कुप् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| आशु | आशु | pos=i |
| भवता | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| आनत | आनम् | pos=va,comp=y,f=part |
| चित्ताः | चित्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कोपितांश् | कोपय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| च | च | pos=i |
| वरिवस्यत | युवन् | pos=n,g=,c=2,n=p |
| इत्य् | इति | pos=i |
| अनेक | अनेक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| उपदेश | उपदेश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| स्म | स्म | pos=i |
| स्वाद्यते | स्वादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| युवतिभिः | युवति | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| मधुवारः | मधुवार | pos=n,g=m,c=1,n=s |