किरातार्जुनीयम् — 9.63
Original
Segmented
राग-ज-अन्त-नयनेषु नितान्तम् विद्रुम-अरुण-कपोल-तलेषु सर्व-गा अपि ददृशे वनितानाम् दर्पणेष्व् इव मुखेषु मद-श्रीः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राग | राग | pos=n,comp=y |
| ज | ज | pos=a,comp=y |
| अन्त | अन्त | pos=n,comp=y |
| नयनेषु | नयन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| नितान्तम् | नितान्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| विद्रुम | विद्रुम | pos=n,comp=y |
| अरुण | अरुण | pos=a,comp=y |
| कपोल | कपोल | pos=n,comp=y |
| तलेषु | तल | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| गा | ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| ददृशे | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| वनितानाम् | वनिता | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| दर्पणेष्व् | दर्पण | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| मुखेषु | मुख | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| मद | मद | pos=n,comp=y |
| श्रीः | श्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |