कोकिलसंदेशः — 1.17
Original
Segmented
पीठेषु अष्टादशन् महितम् काम-पीठम् भजेथाः पारेकम्पम् स्वयम् इह परा देवता संनिधत्ते स भ्रू-चापम् नयन-जलदम् प्राप्य यस्याः तुण्डीर-क्ष्मा सुलभ-कवि-ता-सस्य-वृद्धिः सुलभकवितासस्यवृद्धिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पीठेषु | पीठ | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| अष्टादशन् | अष्टादशन् | pos=a,g=n,c=7,n=p |
| महितम् | महित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| पीठम् | पीठ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भजेथाः | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| पारेकम्पम् | पारेकम्प | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| देवता | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| संनिधत्ते | संनिधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | स | pos=i |
| भ्रू | भ्रू | pos=n,comp=y |
| चापम् | चाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नयन | नयन | pos=n,comp=y |
| जलदम् | जलद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| यस्याः | यद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| तुण्डीर | तुण्डीर | pos=n,comp=y |
| क्ष्मा | क्ष्मा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सुलभ | सुलभ | pos=a,comp=y |
| कवि | कवि | pos=n,comp=y |
| ता | ता | pos=n,comp=y |
| सस्य | सस्य | pos=n,comp=y |
| वृद्धिः | वृद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सुलभकवितासस्यवृद्धिः | समिन्ध् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |