कोकिलसंदेशः — 1.4
Original
Segmented
तत्र द्वित्रान् प्रिय-सहचरी-विप्रयोग-अति दीर्घान् काम-आर्तः ऽयम् शिव-शिवैः समुल्लङ्घ्य मासान् कथञ्चित् चैत्र-आरम्भे समुदि-मधु-श्री-कटाक्ष-अभिरामम् चूत-अङ्कूर-आस्वदन-रसिकम् कोकिलम् संददर्श
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| द्वित्रान् | द्वित्र | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| सहचरी | सहचरी | pos=n,comp=y |
| विप्रयोग | विप्रयोग | pos=n,comp=y |
| अति | अति | pos=i |
| दीर्घान् | दीर्घ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शिव | शिव | pos=n,comp=y |
| शिवैः | शिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| समुल्लङ्घ्य | समुल्लङ्घय् | pos=vi |
| मासान् | मास | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कथञ्चित् | कथंचिद् | pos=i |
| चैत्र | चैत्र | pos=n,comp=y |
| आरम्भे | आरम्भ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| समुदि | समुदि | pos=va,comp=y,f=part |
| मधु | मधु | pos=a,comp=y |
| श्री | श्री | pos=n,comp=y |
| कटाक्ष | कटाक्ष | pos=n,comp=y |
| अभिरामम् | अभिराम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| चूत | चूत | pos=n,comp=y |
| अङ्कूर | अङ्कूर | pos=n,comp=y |
| आस्वदन | आस्वदन | pos=n,comp=y |
| रसिकम् | रसिक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| कोकिलम् | कोकिल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| संददर्श | संदृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |