कोकिलसंदेशः — 1.81
Original
Segmented
श्लाघनीय-छन्द-स्थिति अयि मया शोभने ऽर्थे नियुक्तम् श्राव्यम् शब्दैः सरस-सुमनः-भाजम् अभ्र-अन्त-वृत्ति दूर-प्राप्त्या प्रशिथिलम् इव त्वाम् सखे काव्य-कल्पम् धीमान् पश्येत् स यदि ननु ते शुद्ध एव प्रचारः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्लाघनीय | श्लाघ् | pos=va,comp=y,f=krtya |
| छन्द | छन्द | pos=n,comp=y |
| स्थिति | स्थिति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अयि | अयि | pos=i |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| शोभने | शोभन | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| ऽर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| नियुक्तम् | नियुज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| श्राव्यम् | श्रु | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
| शब्दैः | शब्द | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सरस | सरस | pos=a,comp=y |
| सुमनः | सुमनस् | pos=n,comp=y |
| भाजम् | भाज् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अभ्र | अभ्र | pos=n,comp=y |
| अन्त | अन्त | pos=n,comp=y |
| वृत्ति | वृत्ति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| दूर | दूर | pos=a,comp=y |
| प्राप्त्या | प्राप्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| प्रशिथिलम् | प्रशिथिल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| सखे | सखि | pos=n,g=,c=8,n=s |
| काव्य | काव्य | pos=n,comp=y |
| कल्पम् | कल्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| धीमान् | धीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पश्येत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| ननु | ननु | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शुद्ध | शुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| प्रचारः | प्रचार | pos=n,g=m,c=1,n=s |