कुमारसम्भवम् — 3.63
Original
Segmented
अनन्य-भाजम् पतिम् आप्नुहि इति सा तथ्यम् एव अभिहिता भवेन न हि ईश्वर-व्याहृतयः कदाचित् पुष्यन्ति लोके विपरीतम् अर्थम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनन्य | अनन्य | pos=a,comp=y |
| भाजम् | भाज् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पतिम् | पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आप्नुहि | आप् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तथ्यम् | तथ्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| अभिहिता | अभिधा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| भवेन | भव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| ईश्वर | ईश्वर | pos=n,comp=y |
| व्याहृतयः | व्याहृति | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| कदाचित् | कदाचिद् | pos=i |
| पुष्यन्ति | पुष् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| विपरीतम् | विपरीत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |