महाभारतम् — 1.1.109
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् अर्जुनो देवदेवम् किरात-रूपम् त्र्यम्बकम् तोष्य युद्धे अवाप तत् पाशुपतम् महा-अस्त्रम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| अर्जुनो | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| देवदेवम् | देवदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| किरात | किरात | pos=n,comp=y |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्र्यम्बकम् | त्र्यम्बक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तोष्य | तोषय् | pos=vi |
| युद्धे | युद्ध | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| अवाप | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पाशुपतम् | पाशुपत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |