महाभारतम् — 1.1.111
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् वैश्रवणेन सार्धम् समागतम् भीमम् अन्यान् च पार्थान् तस्मिन् देशे मानुषाणाम् अगम्ये तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| वैश्रवणेन | वैश्रवण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
| समागतम् | समागम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| भीमम् | भीम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| पार्थान् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| मानुषाणाम् | मानुष | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अगम्ये | अगम्य | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |