महाभारतम् — 1.1.116
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् निर्जितस्य अधनस्य प्रव्राजितस्य स्व-जनात् प्रच्युतस्य अक्षौहिणीः सप्त युधिष्ठिरस्य तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| निर्जितस्य | निर्जि | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| अधनस्य | अधन | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| प्रव्राजितस्य | प्रव्राजय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| जनात् | जन | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रच्युतस्य | प्रच्यु | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| अक्षौहिणीः | अक्षौहिणी | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| सप्त | सप्तन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| युधिष्ठिरस्य | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |