महाभारतम् — 1.1.117
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् नर-नारायणौ तौ कृष्ण-अर्जुनौ वदतो नारदस्य अहम् द्रष्टा ब्रह्म-लोके सदा इति तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| नारायणौ | नारायण | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| कृष्ण | कृष्ण | pos=n,comp=y |
| अर्जुनौ | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| वदतो | वद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| नारदस्य | नारद | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| द्रष्टा | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |