महाभारतम् — 1.1.128
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् शांतनवे शयाने पानीय-अर्थे च उदितेन अर्जुनेन भूमिम् भित्त्वा तर्पितम् तत्र भीष्मम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| शांतनवे | शांतनव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शयाने | शी | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| पानीय | पानीय | pos=n,comp=y |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| उदितेन | उदि | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| अर्जुनेन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| भूमिम् | भूमि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| भित्त्वा | भिद् | pos=vi |
| तर्पितम् | तर्पय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| भीष्मम् | भीष्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |