महाभारतम् — 1.1.130
Original
Segmented
यदा द्रोणो विविधान् अस्त्र-मार्गान् विदर्शयन् समरे चित्र-योधी न पाण्डवान् श्रेष्ठतमान् निहन्ति तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| द्रोणो | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विविधान् | विविध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| अस्त्र | अस्त्र | pos=n,comp=y |
| मार्गान् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विदर्शयन् | विदर्शय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| चित्र | चित्र | pos=a,comp=y |
| योधी | योधिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| श्रेष्ठतमान् | श्रेष्ठतम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| निहन्ति | निहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |