महाभारतम् — 1.1.134
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् अभिमन्युम् निहत्य हर्षान् मूढान् क्रोशतो धार्तराष्ट्रान् क्रोधम् मुक्तम् सैन्धवे च अर्जुनेन तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| अभिमन्युम् | अभिमन्यु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| निहत्य | निहन् | pos=vi |
| हर्षान् | हर्ष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| मूढान् | मुह् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| क्रोशतो | क्रुश् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| धार्तराष्ट्रान् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| क्रोधम् | क्रोध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मुक्तम् | मुच् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| सैन्धवे | सैन्धव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| अर्जुनेन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |