महाभारतम् — 1.1.148
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् निहतम् मद्र-राजम् रणे शूरम् धर्मराजेन सूत सदा संग्रामे स्पर्धते यः स कृष्णम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| निहतम् | निहन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मद्र | मद्र | pos=n,comp=y |
| राजम् | राज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शूरम् | शूर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धर्मराजेन | धर्मराज | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सूत | सूत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| संग्रामे | संग्राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्पर्धते | स्पृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृष्णम् | कृष्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |