महाभारतम् — 1.1.152
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् विविधांस् तात मार्गान् गदा-युद्धे मण्डलम् संचरन्तम् मिथ्या हतम् वासुदेवस्य बुद्ध्या तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
| विविधांस् | विविध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मार्गान् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गदा | गदा | pos=n,comp=y |
| युद्धे | युद्ध | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| संचरन्तम् | संचर् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मिथ्या | मिथ्या | pos=i |
| हतम् | हन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| वासुदेवस्य | वासुदेव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |