महाभारतम् — 1.1.163
Original
Segmented
श्रुतवान् असि वै राज्ञो महा-उत्साहान् महा-बलान् द्वैपायनस्य वदतो नारदस्य च धीमतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रुतवान् | श्रु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| वै | वै | pos=i |
| राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| उत्साहान् | उत्साह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| बलान् | बल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| द्वैपायनस्य | द्वैपायन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वदतो | वद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| नारदस्य | नारद | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| धीमतः | धीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |