महाभारतम् — 1.1.200
Original
Segmented
उभे संध्ये जपन् किंचित् सद्यो मुच्येत किल्बिषात् अनुक्रमण्या यावत् स्याद् अह्ना रात्र्या च संचितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उभे | उभ् | pos=n,g=f,c=2,n=d |
| संध्ये | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=d |
| जपन् | जप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सद्यो | सद्यस् | pos=i |
| मुच्येत | मुच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| किल्बिषात् | किल्बिष | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अनुक्रमण्या | अनुक्रमणी | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| अह्ना | अहर् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| रात्र्या | रात्रि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| संचितम् | संचि | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |