महाभारतम् — 1.101.2
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच बभूव ब्राह्मणः कश्चिन् माण्डव्य इति विश्रुतः धृतिमान् सर्व-धर्म-ज्ञः सत्ये तपसि च स्थितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ब्राह्मणः | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कश्चिन् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| माण्डव्य | माण्डव्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| विश्रुतः | विश्रु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| धृतिमान् | धृतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सत्ये | सत्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तपसि | तपस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |