महाभारतम् — 1.108.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच ज्येष्ठानुज्येष्ठताम् तेषाम् नामधेयानि च अभिभो धृतराष्ट्रस्य पुत्राणाम् आनुपूर्व्येण कीर्तय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ज्येष्ठानुज्येष्ठताम् | ज्येष्ठानुज्येष्ठता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| नामधेयानि | नामधेय | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अभिभो | अभिभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पुत्राणाम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| आनुपूर्व्येण | आनुपूर्व्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| कीर्तय | कीर्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |