महाभारतम् — 1.109.12
Original
Segmented
पाण्डुः उवाच शत्रूणाम् या वधे वृत्तिः सा मृगाणाम् वधे स्मृता राज्ञाम् मृग न माम् मोहात् त्वम् गर्हयितुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पाण्डुः | पाण्डु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| शत्रूणाम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वधे | वध् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मृगाणाम् | मृग | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वधे | वध | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्मृता | स्मृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| राज्ञाम् | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| मृग | मृग | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| गर्हयितुम् | गर्हय् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |