महाभारतम् — 1.115.9
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततः कुन्तीम् पुनः पाण्डुः विविक्त इदम् अब्रवीत् कुलस्य मम संतानम् लोकस्य च कुरु प्रियम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| कुन्तीम् | कुन्ती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पाण्डुः | पाण्डु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विविक्त | विविक्त | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| कुलस्य | कुल | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| संतानम् | संतान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| प्रियम् | प्रिय | pos=n,g=n,c=2,n=s |