महाभारतम् — 1.147.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तयोः दुःखितयोः वाक्यम् अतिमात्रम् निशम्य तत् भृशम् दुःख-परीत-अङ्गी कन्या तौ अभ्यभाषत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| दुःखितयोः | दुःखित | pos=a,g=m,c=6,n=d |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अतिमात्रम् | अतिमात्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| निशम्य | निशामय् | pos=vi |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| परीत | परी | pos=va,comp=y,f=part |
| अङ्गी | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| कन्या | कन्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| अभ्यभाषत | अभिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |