महाभारतम् — 1.147.18
Original
Segmented
त्वयि तु अरोगे निर्मुक्ते क्लेशाद् अस्मात् स बान्धवे अमृते वसती लोके भविष्यामि सुख-अन्विता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| अरोगे | अरोग | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| निर्मुक्ते | निर्मुच् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| क्लेशाद् | क्लेश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अस्मात् | इदम् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| स | स | pos=i |
| बान्धवे | बान्धव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| अमृते | अमृत | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| वसती | वस् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भविष्यामि | भू | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| सुख | सुख | pos=n,comp=y |
| अन्विता | अन्वित | pos=a,g=f,c=1,n=s |