महाभारतम् — 1.173.24
Original
Segmented
एतस्मात् कारणाद् राजा वसिष्ठम् संन्ययोजयत् स्व-दारे भरत-श्रेष्ठ शाप-दोष-समन्वितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एतस्मात् | एतद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| कारणाद् | कारण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वसिष्ठम् | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| संन्ययोजयत् | संनियोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| दारे | दार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| शाप | शाप | pos=n,comp=y |
| दोष | दोष | pos=n,comp=y |
| समन्वितः | समन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |