महाभारतम् — 1.189.22
Original
Segmented
उक्तवान् तु एवम् विभुना देवराजः प्रवेपमानो भृशम् एव अभिषङ्गात् स्रस्तैः अङ्गैः अनिलेन इव नुन्नम् अश्वत्थ-पत्त्रम् गिरि-राज-मूर्ध्नि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तु | तु | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| विभुना | विभु | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| देवराजः | देवराज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रवेपमानो | प्रविप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अभिषङ्गात् | अभिषङ्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| स्रस्तैः | स्रंस् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
| अङ्गैः | अङ्ग | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अनिलेन | अनिल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| नुन्नम् | नुद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| अश्वत्थ | अश्वत्थ | pos=n,comp=y |
| पत्त्रम् | पत्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |