महाभारतम् — 1.193.3
Original
Segmented
यत् च त्वम् मन्यसे प्राप्तम् तद् ब्रूहि त्वम् सुयोधन राधेय मन्यसे त्वम् च यत् प्राप्तम् तद् ब्रवीहि मे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| सुयोधन | सुयोधन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| राधेय | राधेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्रवीहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |