महाभारतम् — 1.205.13
Original
Segmented
ह्रियमाणे धने तस्मिन् ब्राह्मणस्य तपस्विनः अश्रु-प्रमार्जनम् तस्य कर्तव्यम् इति निश्चितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ह्रियमाणे | हृ | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
| धने | धन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तपस्विनः | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अश्रु | अश्रु | pos=n,comp=y |
| प्रमार्जनम् | प्रमार्जन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| इति | इति | pos=i |
| निश्चितः | निश्चि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |