महाभारतम् — 1.210.8
Original
Segmented
तौ विहृत्य यथाकामम् प्रभासे कृष्ण-पाण्डवौ महीधरम् रैवतकम् वासाय एव अभिजग्मतुः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| विहृत्य | विहृ | pos=vi |
| यथाकामम् | यथाकाम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| प्रभासे | प्रभास | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कृष्ण | कृष्ण | pos=n,comp=y |
| पाण्डवौ | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| महीधरम् | महीधर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| रैवतकम् | रैवतक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वासाय | वास | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| अभिजग्मतुः | अभिगम् | pos=v,p=3,n=d,l=lit |